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मेरे जन्म दिन के उपरोक्ष || 2021 (हिंदी)

 💥 जिनहोणे मुझे मंगल कामना दि और नही दी वो मेरे सभी प्यारे बडे-छोटे भाईयो , बेहेनो,  माताओ मे आपके प्यार के प्रति पूर्णतः दिल से कृतग्य हु ❣️और मेरी मंगलकामना हमेशा आप सभी के साथ है 🙌  ! आप सबका जीवन दुःख मुक्त हो ; कल्याणकारी हो और सुखमय व्यतीत हो ❤️ ❣️ 

(बुद्ध का "धर्म" नही "धम्म" है और ये धम्म एक आधुनिक जीवन पद्धती है जो "मैत्री" भाव पर आधारित है 🙌हर प्राणी-जीव-जंतू के प्रती प्रेम-दया-करुणा-मैत्री रखना ही शुद्ध मन की परिभाषा है ये बुद्ध का मानवतावादी धम्म सिखाता है - इसे हर एक व्यक्ती आचरण मे लाये ओर एक दुसरे के प्रति मंगल कामना तथा प्रेम भाव रखे = विनयपिटक - त्रिपिटक 🙌(इस बात प्रति जागृत होणे हेतू आज सबको मंगल हो, सुखी हो ऐसा कहा जिससे आप अपने जिवन मे इस विनय को अपना के वैसा व्यवहार करे 🙌💥❤️ )    


💎 बुद्ध केहते है जन्म मृत्यू एक फेरा है और यदि आपको मुक्ती चाहीये तो मरणे की जरूरत नही मुक्ती का अनुभव आप जितें जी कर सकते है ध्यान (Meditation) के माध्यम से 💥🙌🔥 

 बुद्ध काल मे "ध्यान" को "झ्यान" कहा जाता था - प्राकृत भाषा यानी "पाली" पे संस्कार होणे पर जो संस्कृत बाणाई गयी उसमे झ्यान को "ध्यान" बनाया ; ये झ्यान(meditation) जब चायना मे गया तो उसे चांन/ चियान कहा गया ! दुसरी शताब्दी बुद्ध का धम्म वहा जाने के बाद लोग जगणे लगे और (ध्यान/चियान/ चान के वजेसे ) "चायना" ये नाम देश का हुवा ! ये ही झ्यान कोरिया गया तो "सांजान" हुवा , जपान गया तो "जीन" हुवा और जब  वेतनाम गया तो "थिन" हुवा ❣️💥❤️

पोर्तुगाली लोग आने से सेकडो साल पहले चिनी यात्री हुत्संग अपने डायरी मे श्रीलंका का नाम "शिलन" लिखते है (शिलन यांनी "शील पे आधारित" - विनयपिटक )  वेसे ही

तिबत का असली नाम "बोध" था - बोध यांनी "बुद्ध" - तिबत पर चायना का अधिपत्य आने के बाद "तिबत" नाम दिया गया

इस "बोध" से "भोट" शब्द बना - ("भोट" यानी "बोध" यानी बौद्ध ) - वहा "भोट" लोग रेहते है और भोट लोगोकी भाषा को "भुटीया" भाषा कहा जाता है तो देश बना "भूटान" !

तो आप समझ सकते हो के आजू बाजू के देशो ने भारत से क्या लिया ?  खुदका नाम भी बुद्ध से रखा ❣️❤️🔥 और भारत मे हर एक भारतीय की बौद्ध सभ्यता के बारे मे कीतनी जागृतता है ??


💥 आसानी से कहा जाता है के सिंधू घाटी सभ्यता नष्ट हो गयी - जीसमे मोहंजदरो ओर हडप्पा भी शामिल है - ये सभ्यता रेगीस्थान वाले इलाको मे थी क्या जो दब गयी ओर वहापर मिले स्तूप भी पर्वत हो गये ?? महाबोधी महाविहार / नालंदा / केसरिया स्तूप / संकीसा आदी. इनके साथ भी ऐसा हुवा इसे संयोग समझे या क्या समझे??


💥नालंदा से याद आया ; नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला के बारे मे सब ने सूना होगा लेकिन इतिहास मे और 2 युनिव्हर्सिटीज मिलती है जिनके नाम है ;- जगदल & ओदांतपुरी 🙌 (जीसका जिक्र बाबासाहेब ने R&cr मे किया था -Development of Buddhism ) आक्रमोत्तर काल मे ये सब पुनः स्थिती मे खडी क्यू नही हो पायी ???


सिंधू घाटी सभ्यता बुद्ध के पहले थी पर वहा एक स्तूप मिला (बौद्ध स्थापत्यशास्त्र जैसा (धम्मेक जैसा)) ओर symbol मिले जो कुबडदार बैल सा एक ही मुद्रा मे  (जो आसोक पिलर पर भी देखने मिलता है ) पीपल पेड के प्रतीक भी मिले ! तो ये सब सिंधू घाटी मे कैसे हुवा ? इसका उत्तर है द्वितीय बुद्ध दिपांकर बुद्ध जीनका बोधिवृक्ष पीपल ही था !

हडप्पा का हाथी से क्या कनेक्शन था?? ये आप सोचो 🙌

इसापूर्व 249 मे नगली सागर (नेपाल) मे सम्राट आसोक जी ने जो स्तंभ पे जो "कोनाकमन"  बुद्ध का जिक्र किया था वो स्तंभ आज भी नगली मे स्थित है ("Devanam piyena piyadasin lajina- chodasavasa bhisitena Budhasa Konakamanasa thube-dutyam vadhite Visativa sabhisitena –cha atana-agacha-mahiyite silathabe-cha usa papite)

28 बुद्ध का जिक्र और उसके पुरातत्वीय प्रमाण ये विषय रोचक है ❣️ 


साथीयो ,आप सभी को ये सब बताने-पुछने का कारण ये है ये आप सब के पूर्वज सिंधू घाटी से लेकरं आज तक याहाके के निवासी हो 🙌 ये धरोहर हमे यु ही नही मिली ❣️ इसका इतिहास बहोत पुराना है ✊ प्राचीन भारत के इतिहास मे सिर्फ एक ही सत्य है #बुद्ध  ! इसलीये सन्मानित मुल्क के निवासीयो / श्रमणो - इतिहास के प्रति जागृत हो जाओ ❤️ प्राचीन भारत की धरोहर आप सब को पुकार रही है #बुद्धीसम  #buddhism #चलो बुद्ध की और ❣️🙌 


🔥❤️Happy Wesak ❤️🔥


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