अशोक चिन्ह !
ये चिन्ह इतिहास मे बहोत महत्वपुर्ण है. असोक चिन्ह को राज चिन्ह भी कहा जाता है. ईस चिन्ह मे सबसे उपर चार सिंह है जो एक दुसरे को पिठ लगाकर बैठे है और ईनका मुख चारो दिशा की ओर देख राहा है ऐसा स्थापित किया है ! ईनके उपर तथागथ बुद्ध का 24 आरो वाला चक्र था लेकिन वो धम्मके विरोधको द्वारा नष्ट किया गया ईसलिये आज इतिहास शेष हो गया ! सिंह को विजय का प्रतिक माना जाता है और चारो दिशाओ की ओर उनका मुह करना इसका अर्थ की असोक राजा ने चारो दिशाओ पर विजय प्राप्त किया ये उनका विजय चिन्ह है! सारनाथ म्युजियम मे ये स्तंभ आज भी सुरक्षित रखा गया है ! आज भी जब आप सारनाथ जाते हो तो म्युजियम के द्वार मे से प्रवेश करते हि सामने ईस भव्य दिव्य स्तंभ को देख पाओगे! बोहोत सुंदर कलाक्रुति का नमुना आप याहा देख पाओगे, पुरे विश्व के इतिहास मे ऐसा अद्भुत चिन्ह देखने नही मिलता !
इस चिह्न को भारत सरकार ने राज्य चिन्ह घोषित किया है ! भारतीय मुद्रा तथा सभी दस्तावेजों पर बौद्ध संस्कृति की छाप हमें देखने मिलती है क्यू की भारत की मूल संस्कृती बौद्ध संस्कृती ही है !
यह चिन्ह चार भागों में है :-
1.पहले भाग मे उल्टा कमल है.
2.दूसरा भाग गोलाकार भाग है जिसमें चार चक्र चार पशु जैसे हाथी वृषभ यानी सांड अश्व यानी घोड़ा और सिंह है.
3. तीसरे भाग में चारों सिंह हैं एक दूसरे को पीठ लगाकर चारों दिशाओं की ओर देखते बैठे हुए हैं.
4. और चौथे भाग में इन सब के ऊपर एक धम्मा चक्र हुआ करता था जो अभी नष्ट होने के कारण नहीं दिखता.
यह प्रतिमा देखते ही मन प्रफुल्लित हो जाता है, इसके ऊपर किया गया काम आंखों को सुकून देता है ऐसा लगता है मानो के यह प्रतिमा जीवित है जब आप इसको देखोगे तो देखते ही रह जाओगे
इतिहास में अशोका जी ने जहां-जहां स्मारक बनवाए वहां पर इन अशोक स्तंभ का निर्माण उन्होंने किया इसके ऊपर ढेर सारे महत्वपूर्ण शिलालेख भी हमें देखने मिलते हैं यह पाली भाषा में लिखित हैं !
आज यह अशोक चिन्ह भारत के सभी नोटों पर देखने मिलता है, इसके ऊपर जो चक्र था जिसे हम अशोका चक्र या धम्म चक्र कहते हैं वह भारत के राष्ट्रध्वज यानी तिरंगे पर विराजमान है !
यह भारत की असली पहचान है
नमो बुद्धाय 🙏 नमो असोका 🙏
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Ashoka (Asoka) Pillar / Symbol!
This sign is very important in history. The Asoka sign is also known as the National symbol. At the top of this symbol is the four lions, who are sitting with each other and their face is looking towards all four directions. On top of that, their was a Dhamma chakra Of Buddha / Buddhism who have 24 lines in the circles , but it was destroyed by the opponents of Buddha Dhamma, today history is left! The lion is considered to be a symbol of victory and his direction towards all four directions means that the Assoka king has conquered all the directions, this is his victory sign! This pillar is still preserved in the Sarnath Museum! Even today when you go to Sarnath, you will be able to see this magnificent divine pillar in front of the entrance of the museum! You will be able to see the beauty of beautiful Architecture, you cannot see such a wonderful sign in the history of the whole world!
This mark has been declared a state National by the Government of India! We get to see the impression of Buddhist culture on Indian currency and all documents, because the original culture of India is Buddhist culture!
This sign is in four parts: -
1. First part is the reverse lotus.
2. The second part is the circular part in which four chakras are four animals such as elephant Taurus ie bull horse and lion.
3. In the third part, there are four lions sitting on each other looking towards the four directions.
4. And in the fourth part there used to be a Dhamma Chakra on top of all these, which is not visible due to the destruction.
On seeing this statue, the mind becomes elated, the work done on it relieves the eyes, it seems as if this statue is alive when you see it, you will be left watching.
Wherever King Asoka built monuments in history, he built these Ashoka pillars at the place where we can see a lot of important inscriptions on it, they are written in Pali language!
Today this Asoka sign is seen on all the currency of India, the chakra that was above it, which we call the Ashoka Chakra or Dhamma Chakra, It Established on the national flag of India!
This is the true identity of India !
Namo Budhhaya 🙏 Namo Asoka 🙏
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